फिल्म सोना नाम की एक महिला के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिस पर उसके पति, एक प्रमुख डॉक्टर, को हत्याओं के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद सीरियल किलर होने का आरोप लगाया जाता है। अपने पति का नाम साफ़ करने और असली हत्यारे को उजागर करने के लिए सोना का संघर्ष कहानी का सार है।
कहानी कई दशकों तक फैली हुई है, जो दो परिवारों के बीच हिंसक झगड़े और आपराधिक अंडरवर्ल्ड में उनके उत्थान और पतन पर केंद्रित है। इसमें ड्रामा, एक्शन और डार्क ह्यूमर के तत्वों का मिश्रण है और इसमें मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, हुमा कुरेशी और ऋचा चड्ढा सहित कई बड़े कलाकार शामिल हैं।
फिल्म में मनोज बाजपेयी, स्मृति कालरा और आदर्श गौरव हैं। कहानी एक किशोर के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने पिता की अचानक मृत्यु के बाद खुद को रहस्य और धोखे के जाल में उलझा हुआ पाता है।
यह कहानी मुख्य रूप से बदला और न्याय की खोज के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें, भैया जी (मनोज बाजपेयी) एक सेवानिवृत्त और खतरनाक अपराधी के रूप में अपनी छोटे भाई की मौत के बाद न्याय की खोज में निकलता है। उसकी बहस और संघर्ष उसके व्यक्तिगत बदले की भावना से उत्पन्न होते हैं, जो उसे एक प्रभावशाली और शक्तिशाली गुज्जर के खिलाफ उठ खड़ा करता है।
एसीपी अविनाश वर्मा और उनकी टीम एक नाइट क्लब में सामूहिक गोलीबारी की जांच से शुरुआत करते हैं, लेकिन उनकी यात्रा एक बहुत बड़ी और अधिक भयावह साजिश का खुलासा करती है। यह छिपी हुई और अधिक खतरनाक वास्तविकताओं को उजागर करने के लिए सतह के नीचे खुदाई करने के विषय पर प्रकाश डालता है।